*उपनल कर्मचारियों की वार्ता विफल*गुस्साए कर्मचारी बोले, सीधे यहीं से भेज दो जेल*

*उपनल कर्मचारियों की वार्ता विफल*गुस्साए कर्मचारी बोले, सीधे यहीं से भेज दो जेल*

*उपनल कर्मचारियों की वार्ता विफल*गुस्साए कर्मचारी बोले, सीधे यहीं से भेज दो जेल*

देहरादून ।

उपनल कर्मचारी महासंघ की सरकार से वार्ता विफल हो गई है। सरकार के वेतन में दस प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को उपनल कर्मचारियों ने खारिज कर दिया। 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि, सेवा सुरक्षा की गारंटी समेत सभी मांगों को तत्काल पूरा किए जाने पर जोर दिया। वार्ता विफल रहने पर महासंघ पदाधिकारियों ने पुलिस पर उन्हें कस्टडी मेंलेकर परेड ग्राउंड में जबरन बैठाने का आरोप लगाया।

उपनल कर्मचारी सोमवार को निकाले गए सचिवालय कूच के बाद से सहस्त्रधारा रोड एकता विहार में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। बुधवार को महासंघ पदाधिकारियों को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ वार्ता के लिए बुलाया गया। सचिवालय में हुई वार्ता में उपनल कर्मचारी महासंघ को आश्वासन दिया गया कि जल्द कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत बढ़ा दिया जाएगा। शेष मांगों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। इन आश्वासनों को खारिज करते हुए महासंघ अध्यक्ष विनोद गोदियाल ने कहा कि तत्काल वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो। क्योंकि उपनल कर्मचारी बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं। ऊपर से कर्मचारियों की सेवा की कोई गारंटी नहीं है। कभी भी किसी भी विभाग में कर्मचारियों की

सेवाओं को समाप्त कर दिया जा रहा है। इसीलिए सबसे पहले सेवा सुरक्षा की गारंटी दी जाए। मृतक आश्रितों को नियुक्ति दी जाए।

गुस्साए कर्मचारी बोले, सीधे यहीं से भेज दो जेल

अध्यक्ष विनोद गोदियाल ने कहा कि वार्ता विफल होने के बाद पुलिस ने महासंघ पदाधिकारियों को धरना स्थल पर नहीं जाने दिया। बल्कि पुलिस उन्हें कस्टडी में लेकर परेड ग्राउंड ले आई। इस पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उन्हें सीधे यहीं से जेल भेज दिया जाए। क्योंकि इन हालात में उन लोगों के लिए धरने में बैठे कर्मचारियों को संभालना बस की बात नहीं है।

हाईकोर्ट के आदेशों को सभी कर्मचारियों पर लागू करते हुए नियमितीकरण और समान काम का समान वेतन दिया जाए। वार्ता में प्रमुख सचिव आरके सुंधाशु, सचिव विनय शंकर पांडेय, महासंघ सलाहकार महेश भट्ट, महामंत्री विनय प्रसाद, प्रमोद गुसाईं मौजूद रहे।

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