*ब्रेकिंग:-आपदा से राज्य को अभी तक 650 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान*
*ब्रेकिंग:-आपदा से राज्य को अभी तक 650 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान*
*हर दिन जुटाया जा रहा डाटा, मानसून समाप्त होते ही साफ होगी तस्वीर, आपदा में अब तक मारे गए 52 लोग, 37 घायल और 19 हैं लापता*
देहरादून।
प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से आई आपदा से अभी तक करीब 650 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, जो आगे और बढ़ सकता है। राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा, जब प्रदेश सरकार आपदा से क्षति का प्रतिदिन डाटा अपडेट कर रहीं है राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की माने तो मानसून की समाप्ति पर तत्काल रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। इससे आपदा के बाद राहत कार्य को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।
*किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल दें सूचना*
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*सचिव डॉ. सिन्हा ने बताया, आपदा की स्थिति में कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 0135-2710334, टोलफ्री नंबर 1070 और 0135-2664314-15- 16 और मोबाइल नंबर 8218867005, 9058441404 पर तत्काल सूचना दे सकता है। साथ ही ई-मेल पर भी सूचना दी जा सकती है।*
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया राज्य में आपदा से निपटने के लिए मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा है। बताया जरूरत वाली जगहों पर एसटीआरएफ एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। दो हेलीकॉप्टर को भी स्टैंडबाई पर रखा गया है। सभी विभागों को निर्देशि दिए गए हैं कि मानसून अवधि में हुए सभी प्रकार के नुकसान का श्रेणीवार और सटीक टाटा प्रतिदिन शासन को मुहैया कराया जाए।
*दो नेशनल हाईवे समेत 251 सड़कें बंद*
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*प्रदेश में दो नेशनल हाईवे समेत 251 सड़कें बंद हैं। लोनिवि की ओर से शुक्रवार देर शाम जारी रिपोर्ट के अनुसार, 18 स्टेट हाईवे, नी मुख्य जिला मार्ग, पांच जिला मार्ग, 102 ग्रामीण सड़कें और 115 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हैं। शुक्रवार को 240 जेसीबी मशीनों को सड़कों को खोलने के काम में लगाया गया है।*
इसके साथ ही सभी विभागों को प्रत्येक मानसून अवधि में हुई क्षति का वार्षिक डाटा भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
बताया कि आपदा में अब तक 52 लोगों की मौत हुई है और 19 लोग लापता हैं। सड़क दुर्घटनाओं में करीब 50 लोग की मौत और 158 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जलभराव से 8582.28 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल बर्बाद हुई है। 38.18 हेक्टेयर भूमि या तो बह सरकारी भवनों को भी नुकसान पहुंचा आपदा के बाद राहत कार्यों को तेजी मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा हैं कि मानसून अवधि में हुए सभी वर्षवार डाटा भी तैयार करने के गई है या भूस्खलन से बरबाद हो गई है। सड़कों, पुलों और भवनों को ठीक है। सबसे अधिक नुकसान हरिद्वार में हुआ है। यहां 8507 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल बर्बाद हुई है।
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