*पहाड़ी ब्यंजन के चटकारे और स्वाद ने बताया उत्तराखंड के पारम्परिक खान पान के जायके*

*पहाड़ी ब्यंजन के चटकारे और स्वाद ने बताया उत्तराखंड के पारम्परिक खान पान के जायके*

*पहाड़ी ब्यंजन के चटकारे और स्वाद ने बताया उत्तराखंड के पारम्परिक खान पान के जायके*

गोपेश्वर।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के बी.एड. प्रथम वर्ष के प्रशिक्षणार्थियों ने फूड एंड फेस्ट मनाया। बी.एड. पाठ्यक्रम में पाठ्य सहगामी क्रिया के अन्तर्गत स्थानीय लजीज़ व्यंजनों को बनाया जिसमें दस ग्रुप बनाये थे । प्रत्येक ग्रुप ने पृथक-पृथक स्थानीय व्यंजन बनाकर लाये। कार्यक्रम में प्रो स्वाति नेगी अतिथियों तथा महाविद्यालय से डा जगमोहन नेगी, पी एल शाह, डी एस नेगी, प्रियंका उनियाल, पूनम टाकुली, वन्दना लोहनी, मनीष मिश्रा आदि ने व्यंजनों का स्वाद लिया। और कहा कि हमारा स्थानीय खान-पान स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी है। महाविद्यालय के बी एड विभाग के ग्रुप 1 पहाड़ी ढाबा ने मसाला पूरी, रैठा, खटाई, गुलाब जामुन, आलू का झोल , ग्रुप 2 पहाड़न की रसोई ने घुघुते, कोदे की भरी रोटी केले के गुलगुले, कण्डाली का साग, आलू गोभी के पकोड़े परोसे । ग्रुप 3 कल्यो रोटाने, झंगोरे की खीर, ओगल के नमकीन गुलगुले, भटवाणी, ग्रुप 4 जायका ने सुन्दरकला, पालक पनीर, मडुवे की रोटी, पुलाव , ग्रुप 5 बुग्याल ने गहथ की दाल, राई की सब्जी, खीर, चौलाई के लड्डू, ग्रुप 6 सीधे पहाड़ से ने गाजर का हलवा, अरबी के गुटके, राजमा ग्रुप 7 क्रेजी ग्रुप ने सरसों का साग, मक्के की रोटी, ककोडे ग्रुप 8 समौंण ने स्वाला, चौंसा, रायता, खीर, ग्रुप9 ठेट पहाड़ी ने सोयाबीन की दाल, काली दाल, आलू के गुटके, ग्रुप 10 स्वादिष्टम् ने छोले कुल्चे, गोलगप्पे, पहाड़ी दाल आदि व्यंजन बनाये । इस अवसर डॉ. अखिलेश कुकरेती, डॉक्टर विधि ढौंडियाल, डॉक्टर मनोज प्रसाद नौटियाल, रुपिन कण्डारी, समीक्षा, बबीता आदि उपस्थित रहे।

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