*भारत के पहले गांव माणा में दिखी मेरी माटी मेरा देश की चमक धमक*

*भारत के पहले गांव माणा में दिखी मेरी माटी मेरा देश की चमक धमक*

*भारत के पहले गांव माणा में दिखी मेरी माटी मेरा देश की चमक धमक*

माणा।
भारत तिब्बत चीन सीमा इलाके से लगे भारत के पहले गांव माणा में ” मेरी माटी मेरा देश ” की खूब चमक धमक दिखी । जी 20 की सफलता पर ” भारत ” ने इस सरहदी गांव में देश के प्रभुत्व , आन बान और शान को भब्य रूप में प्रस्तुत किया । आकाशवाणी द्वारा इस प्रकार का कार्यक्रम उसके अब तक के इतिहास में इतना बड़ा पहला कार्य क्रम बताया गया ।

जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता और मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत आकाशवाणी नई दिल्ली की ओर से गुरूवार को देश के प्रथम गांव माणा में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आकाशवाणी नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ वसुधा गुप्ता और जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में पौणा नृत्य के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। सांस्कृतिक दलों ने स्वागत गीत और जागर गायन की सुंदर प्रस्तुति दी । भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने मधुर बैंड ध्वनि से इस समारोह को वीरता और शौर्य का अवसर बना दिया
आकाशवाणी के महानिदेशक डा वसुधा गुप्ता ने समारोह में कहा हमे अपनी संस्कृति पर गर्व है और लोगों को भी हम अपनी संस्कृति का अहसास करवाना होगा। हमे अपनी पारंपरिक वेशभूषा बोली भाषा को अपनी धरोहर समझ कर उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। आकाशवाणी की कोशिश रहेगी कि उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों, बोली-भाषा को लेकर निरंतर आगे बढाने की दिशा में काम किया जाए।

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि माणा गांव हमारी पौराणिक संस्कृति से भरपूर है। यहां धार्मिक और तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में भी यहां की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। देश के प्रथम गांव माणा में आकाशवाणी द्वारा मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम का आयोजन इस क्षेत्र के विकास और प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।
इनसेट

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21 अक्टूबर,2022 को सीमांत गांव माणा में आयोजित सरस मेले में शिरकत की थी। इस दौरान सीमांत गांव माणा को देश के प्रथम गांव के रूप में नई पहचान मिली। प्रधानमंत्री कई मौके पर माणा की सांस्कृतिक विरासत, इतिहास, और भौगोलिक स्थिति का जिक्र करते आए है। देश की सरहद पर बसे गांवों के नागरिकों को द्वितीय रक्षा पंक्ति भी कहा जाता है।‌
ये रहे मौजूद ।
कार्यक्रम में प्रशासन , आकाशवाणी के अधिकारी , तथा माणा की जनता और बद्रीनाथ की यात्रा पर आये बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पहाड़ पर पर्यटन के लिए आये पर्यटक मौजूद रहे ।

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