*प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ी रहती हैं पहाड़ों की संस्कृति मुख्यमंत्री सलाहकार बीडी सिंह*
*प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ी रहती हैं पहाड़ों की संस्कृति मुख्यमंत्री सलाहकार बीडी सिंह*
गोपेश्वर।
जिला मुख्यालय में भारतीय डाक विभाग डाक मंडल गोपेश्वर के द्वारा हिमालय की प्राकृतिक संपदा भेाजपत्र सुलेखन व रोंग्पा जनजाति की सस्कृतिक धरोहर पौंणा नृत्य पर विशेष आवरण का अयोजन किया गया।
मंगलवार को अंबेडकर भवन सभागार में ओयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हिमांशु खुराना व विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री सलाहकार बीडी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुंभारंभ किया। कार्यक्रम में रोंग्पा जनजाति की महिलाओं द्वारा पौंणा नृत्य कर कार्यक्रम में चार चांद लगाए।
बीडी सिंह ने कहा कि पर्वतीय जीवन में प्रकृति के समस्त पेड़ पौधों फूल पत्तियों और जीव जन्तुओं के प्रति अनन्य आदर का भाव समाया हुआ है। खासक हमारी संस्कृति हमारी पंरपराओं को बचाई रखती है। कहा पहाड़ों की संस्कृति की अलग ही पहचान है। यहां के रिती रिवाजों व पहनावा यहां की प्रकृति से जोड़ती है। भोजपत्र निती माणा के लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहंचान दिलाई है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि निती माणा पर एक कहानी आज भी बहुत प्रचलित है। इसी को लेकर प्रधान मंत्री के द्वारा देश के सभी सीमा से जुड़े गांवों को देश के प्रथम गांव कहा है। स्थानिय लोगों के द्वारा भोजपत्र को अपने सास्कृति के साथ अभी तक जीवन दिया हुआ है। प्रधानमंत्री के मन की बात का जीक्र करते हुए डीएम ने कहा कि हमें भोजपत्र का संरक्षण करना जरूरी है। यह दुलर्भ प्रजाती है। मनरेगा के तहत इसका सरंक्षण किया जाएगा। वहीं डा अधीक्षक चमेली डाक मंडल गोपेश्वर एचसी उपाध्याय ने कहा कि डाक विभाग द्वारा हिमालय की प्राकृतिक संपदा भोजपत्र को अधिक से अधिक संरक्षण व पौंणा नृत्य को सस्कृति के सरंक्षण पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
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