टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता में शिक्षकों को राहत की गुहार

टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता में शिक्षकों को राहत की गुहार

गोपेश्वर (चमोली)। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से प्राथमिक वर्ग के लिए शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य किए जाने पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर मामले में विधिक राहत दिए जाने की मांग की है। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उपेंद्र सती ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से प्राथमिक वर्ग के शिक्षकों के लिए टीएटी शिक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया है। अन्यथा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज दिया जाएगा। ऐसे में पूरे उत्तराखंड के 15 हजार शिक्षक शिक्षिकाएं प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि कई शिक्षक 55 वर्ष की आयु सीमा तक पहुंच गए है। ऐसे में उनके सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग की है कि मामले में शिक्षक हितों को ध्यान में रखते हुए संसद में अध्यादेश लाकर शिक्षकों को राहत दी जाए। इस दौरान मंत्री विक्रम गुसांई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंजूषा पुंडीर, संरक्षक रूद्र सिंह राणा, सतेश्वर सिमल्टी, यशपाल बुटोला, शेर सिंह परमार, बैशाख सिंह रावत, विनोद वैशाली, कमलेश सती, शैलेंद्र पुंडीर, वीरेंद्र नेगी, हरीश नेगी, जसपाल आर्य, प्रबोध डिमरी आदि मौजूद रहे।

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