नशे में वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई – सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु प्रवर्तन की कार्यवाही लगातार जारी

नशे में वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई – सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु प्रवर्तन की कार्यवाही लगातार जारी

देहरादून : सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने तथा नशे की हालत में वाहन चलाने जैसी घातक प्रवृत्तियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु यातायात निदेशालय, उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा राज्य के समस्त जनपदों में विशेष प्रवर्तन अभियान लगातार संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य नशे में वाहन संचालन से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाना एवं आमजन में यातायात अनुशासन के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

जनवरी से सितम्बर 2025 तक की प्रवर्तन कार्यवाही

जनवरी से सितम्बर 2025 के मध्य पुलिस मुख्यालय तथा यातायात निदेशालय के निर्देशन में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में की गई कार्यवाही के अंतर्गत – 

  • कुल 8643 चालान नशे की हालत में वाहन चलाने के मामलों में किए गए।
  • कुल 2405 ड्राइविंग लाइसेंस (DL) निलंबन हेतु परिवहन विभाग को प्रेषित किए गए।

जनपदवार प्रमुख कार्यवाही

  •  देहरादून – 4286 चालान, 1144 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • पौड़ी गढ़वाल – 1682 चालान, 752 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • हरिद्वार – 1097 चालान, 77 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  •  नैनीताल – 448 चालान, 157 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • पिथौरागढ़- 291 चालान, 80 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • ऊधमसिंहनगर- 279 चालान,19 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • टिहरी गढ़वाल- 212 चालान,95 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • चमोली- 72 चालान,19 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • उत्तरकाशी- 66 चालान,14 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित ।
  • चम्पावत-65 चालान,11 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • अल्मोड़ा-52 चालान,8 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • बागेश्वर-47 चालान,19 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।
  • रुद्रप्रयाग-46 चालान,10 डीएल निलंबन हेतु प्रेषित।

पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड अनंत शंकर ताकवाले द्वारा नशे में वाहन चलाने वाले वाहनों के विरुद्व कार्यवाही की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान उन्होंने जनपद स्तर पर निरंतर प्रभावी प्रवर्तन एवं जागरूकता अभियानों को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड ने निर्देश दिये कि –“नशे की हालत में वाहन चलाना न केवल चालक के जीवन को खतरे में डालता है, बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए भी गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है। पुलिस का उद्देश्य दंडात्मक कार्यवाही के साथ-साथ जनजागरूकता के माध्यम से ऐसी प्रवृत्तियों को समाप्त करना है। सभी जनपद अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के विरुद्व कठोरता से लगातार कार्यवाही की जाए।”

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