पिरूल वुमेन ‘मंजू शाह’ केदारघाटी के ग्रामीणों को चीड़ के पत्तों (पिरूल) से स्वरोजगार की दिखा रही है राह
अगर हुनर है तो कोई भी कार्य किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ करके दिखाया है अल्मोडा जनपद के द्वाराहाट के हाट गांव निवासी मंजू आर शाह नें, जिन्होने अपनी बेजोड हस्तशिल्प कला से पहाड के जंगल में बहुतायत मात्रा में पाये जाने वाले चीड़ के पत्तों (पिरूल) को आर्थिकी का जरिया बनाया। जिस कारण से वे पूरे देश में पिरूल वुमेन के नाम से जानी जाती है और प्रसिद्ध है।
गौरतलब है कि कुमाऊँ-मंडल के अल्मोडा जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज ताड़ीखेत में प्रयोगशाला सहायक पद पर कार्यरत मंजू शाह आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। अपनी बेजोड हस्तशिल्प कला से उन्होने अपनी अलग पहचान बनाई है। बेजोड हस्तशिल्प कला की वजह से मंजू शाह को पूरे देश में दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है। बकौल मंजू पिरूल को हस्तशिल्प से जोड़कर पहाड़ की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
पुस्तकालय गांव मणिगुह में दे रहीं हैं ग्रामीणों को प्रशिक्षण।
पिरूल वुमेन मंजू शाह इन दिनों रूद्रप्रयाग जनपद के पुस्तकालय गांव मणिगुह में पिरूल से विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनानें का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में ग्रामीण बढचढकर प्रतिभाग कर रहें है।
ये है पिरूल।
उत्तराखंड के जंगलो में अधिकांश हिस्सेदारी चीड़ के जंगलों की है। बसंत के बाद चीड़ की पत्तियां गिरती हैं, जो बेहद ही ज्वलनशील होती हैं। पहाड़ों पर अधिकांश वनाग्नि की घटनाएं इन्हीं पत्तियों यानि पीरूल के कारण होती हैं। हर साल पचास लाख टन से अधिक पिरूल जंगलों से गिर रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक तकरीबन 71 फीसद वन भू-भाग वाले उत्तराखंड में चीड़ ने 15 फीसदी जंगल पर कब्जा कर लिया है, जबकि बांज के जंगल सिमटकर 13 फीसदी रह गए हैं। नीति नियंता भले ही इस सच्चाई से मुंह मोड़ लें, लेकिन तेजी से बढ़ता चीड़ जैव विविधता और वनस्पतिक विविधता के साथ ही वातावरण की नमी को भी खत्म कर रहा है। पिरूल से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनने से पिरूल उत्तराखंड में आय बढ़ाने के साथ ही आग बुझाने में मददगार होगा पिरूल।
पिरूल से ये उत्पाद तैयार कर रहीं मंजू शाह।
पिरूल वुमेन मंजू शाह पिरूल से टोकरी, पूजा थाल, फूलदान, आसन, पेन स्टैंड, डोरमैट, टी कोस्टर, डाइनिंग मैट, ईयर रिंग, फूलदान, मोबाइल चार्जिंग पॉकेट, पर्स, हैट, पेंडेंट, अंगूठी, सहित तमाम तरीके के साज-सज्जा के उत्पाद बना रही हैं। जो न केवल लोगों को पसंद आ रहे है बल्कि इन उत्पाद को बनाने से लोगो को आमदानी भी हो रही है।
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