*ऊंचे हिमालय पर स्थित भगवान रुद्रनाथ के कपाट मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद हुये,सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त बने साक्षी*
*ऊंचे हिमालय पर स्थित भगवान रुद्रनाथ के कपाट मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद हुये,सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त बने साक्षी*
गोपेश्वर।
लगभग 11 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित भगवान रुद्रनाथ के कपाट विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए ब्रह्म मुहूर्त पर शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं। सैकड़ों के संख्या में शिव भक्त इस अवसर मौजूद रहे । कपाट बंद होने के बाद भगवान रुद्रनाथ का उत्सव विग्रह डोली ने अपने गद्दी स्थल गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान किया।
रुद्रनाथ के पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी ने बताया भगवान रुद्रनाथ जहां भगवान भोलेनाथ के मुखारविंद ( मुखमंडल ( के दर्शन होते हैं । ऐसे पवित्र शिव तप स्थली रुद्रनाथ गुफा मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ मंत्रोच्चार के साथ बंद किये गये ।
उल्लेखनीय है कि इस समय रुद्रनाथ में चारों ओर बर्फ गिरी है। इसके बाबजूद भी भगवान के कपाट बंद होने की प्रक्रिया देखने और भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रुद्रनाथ पहुंचे थे ।
20 अक्टूबर को गोपीनाथ मंदिर में पहुंचेंगी भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली ।
इस तरह हुई कपाट बंद की प्रक्रिया ।
प्रातः 3 बजे भगवान रुद्रनाथ के गुफा द्वारा मंदिर के द्वार खुले
* स्नान ध्यान के बाद सबसे पहले रुद्रनाथ के पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी ने मंदिर में प्रवेश किया ।
* स्वर्ग द्वारी, नारद कुंड के पवित्र जल से भगवान रुद्रनाथ का स्नान किया गया
* 5 बजे भगवान का रुद्राभिषेक हुआ ।
* मंत्रोच्चार प्रारम्भ हुये
* 6 बजे से हिमालयी औषधियों , फूलों , उच्च हिमालयी पवित्र वनस्पतियों से भगवान को समाधिस्थ तप में विराजमान किया गया ।
* 7 बजे भगवान रुद्रनाथ के गुफ़ा मंदिर के कपाट बंद हुए
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