*नन्दा देवी लोकजात के शुभारंभ पर तीन दिवसीय लोक सांस्कृतिक मेला शुरु*

*नन्दा देवी लोकजात के शुभारंभ पर तीन दिवसीय लोक सांस्कृतिक मेला शुरु*

*नन्दा देवी लोकजात के शुभारंभ पर तीन दिवसीय लोक सांस्कृतिक मेला शुरु*

गोपेश्वर।

हिमालय की अधिष्ठात्री मां नंदा के सिद्धपीठ कुरुड़ में नंदा लोकजात यात्रा से पूर्व तीन दिवसीय नन्दा देवी लोकजात मेला नन्दा देवी के सिद्ध पीठ कुरुड में धूमधाम और लोक संस्कृति के साथ आरंभ हो गया है। बृहस्पतिवार को दशोली और बधाण की मां नंदा की डोलियां मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाकर परिसर में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखी गई हैं। नौ सितंबर को मां नंदा की दोनों डोलियां कैलाश के लिए विदा हो जाएंगी। इस दौरान जय मां नंदा के जयकारों से नंदानगरी दिनभर गुंजायमान रही।
गुरुवार को सुबह से ही
मां नंदा के सिद्धपीठ मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। यहां आचार्य पंडित कन्हैया प्रसाद, मुंशी चंद्र, मंशाराम गौड़, पुरुषोत्तम, प्रकाश गौड़, विजय प्रसाद, दिनेश प्रसाद, मनोहर, मंशाराम पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां नंदा की विभिन्न पूजाएं संपन्न की। मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां नंदा के दर्शन कर मनौतियां मांगी। मंदिर कमेटी कुरुड़ के अध्यक्ष सुखवीर रौतेला ने बताया कि नौ को अपराह्न चार बजे बधाण की मां नंदा की डोली अपने प्रथम पड़ाव चरबंग गांव के लिए प्रस्थान करेगी, कुरुड़ में तीन दिवसीय नंदा लोकजात मेला भी शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को पहले दिन विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में एसजीआरआर नंदानगर, चिल्ड्रन एकेडमी, जीआईसी कुंडबगड़, सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या मंदिर, हिमालय चिल्ड्रन एकेडमी, प्राथमिक विद्यालय कुरुड़ के साथ ही विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने प्राथमिक, जूनियर व सीनियर वर्ग में लोकगीत व लोकनृत्य प्रस्तुत किया। छात्र-छात्राओं ने मां नंदा के गीतों के साथ ही गढ़वाली गीतों की भी प्रस्तुतियां दी। हंस फाउंडेशन की ओर से मेला स्थल पर भंडारे का आयोजन भी किया गया।
इस मौके पर मंदिर कमेटी कुरुड़ के अध्यक्ष सुखवीर रौतेला, ग्राम प्रधान रेखा देवी, भरत सिंह रावत, बधाण डोली कमेटी के अध्यक्ष नरेश शास्त्री, सत्यप्रसाद गौड़ आदि मौजूद रहे। मेले में सरकारी विभागों के स्टॉल भी लगाए गए हैं।

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