भारत बनेगा विश्व गुरु, पंच परिवर्तन को आचरण में अपनाये स्वयंसेवक – प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष: रुड़की में गणवेशधारी स्वयंसेवकों का भव्य पथसंचलन
संघ के 100 वर्षों की सेवा, संगठन और संस्कार पर आधारित यात्रा का प्रदर्शन, पंच परिवर्तन के माध्यम से समाज में समरसता और परिवर्तन का संदेश
रुड़की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पूरे वर्ष सात प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रथम विजयदशमी उत्सव पर देशभर में गाँव और शहर स्तर पर गणवेशधारी स्वयंसेवकों द्वारा पथसंचलन और कार्यक्रम किए गए। रुड़की नगर की गंगा बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में BSM इंटर कॉलेज में वरिष्ठ अधिकारी एवं सेवानिवृत्त मेजर जनरल पदम कुमार गौतम की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने कहा कि संगठन शक्ति कलयुग में सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने श्रीराम और श्रीकृष्ण के उदाहरण देते हुए बताया कि समाज के वंचित और शोषित वर्ग को संगठित कर अत्याचारी सत्ता का अंत किया गया। संघ की स्थापना डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में नागपुर में हुई थी, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करना था।
डॉ. शैलेन्द्र ने संघ की सौ वर्षों की सेवा यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि संघ ने स्वतंत्रता आंदोलन, विभाजन काल, आपातकाल और अयोध्या आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संघ ने सामाजिक समरसता और जाति भेद को समाप्त करने हेतु वनवासी और वंचित क्षेत्रों में सेवा कार्य किए।
उन्होंने संघ के 42 वैचारिक संगठन का उल्लेख करते हुए बताया कि ये शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, महिला, विज्ञान, संस्कृत और स्वदेशी जागरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने “पंच परिवर्तन” की महत्ता समझाते हुए कहा कि स्वयंसेवक अपने परिवार से आरंभ कर समाज में परिवर्तन लाए, जिसमें स्वभाषा, भोजन, भवन, भूषा, पर्यावरण संरक्षण, पानी बचाना, प्लास्टिक मुक्त जीवन और स्वदेशी उपयोग शामिल हैं।
कार्यक्रम में गणवेशधारी 500 से अधिक स्वयंसेवक ने मालवीय चौक, रेलवे स्टेशन, शिवाजी चौक और BSM तिराहा से भव्य पथसंचलन किया। नगरवासियों द्वारा फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया। स्वयंसेवकों की अनुशासन और समता ने नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम में अनुज, मनोज, ललित, शकर, त्रिभुवन, जितेन्द्र, प्रवीण, राहुल, राजपाल, सतीश, प्रताप, जलसिंह, अमरीष सहित सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
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