लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा, योग विज्ञान और स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं समग्र कल्याण की प्रमोटर रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय

लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा, योग विज्ञान और स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं समग्र कल्याण की प्रमोटर रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय

हरिद्वार : समग्र कल्याण की प्रमोटर रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय । आज के युग में, जब स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं, प्राकृतिक चिकित्सा और योग विज्ञान का महत्व और भी बढ़ गया है। रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय एक ऐसी विशेषज्ञ हैं जिन्होंने अपने जीवन को समग्र कल्याण, स्वच्छता, और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित किया है। उनके कार्य क्षेत्र न केवल स्वास्थ्य और चिकित्सा तक सीमित हैं, बल्कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रयासरत हैं।

शिक्षा और योग्यता

रुचिता की शिक्षा और पेशेवर योग्यता उनके क्षेत्र में उनकी गहन समझ को दर्शाती है। उन्होंने नैचुरोपैथी और योग विज्ञान में डिप्लोमा प्राप्त किया है और बीएससी, बीएड., एमबीए डिग्री के साथ अन्य प्रमाणपत्र भी हासिल किए हैं। उनके पास न केवल चिकित्सा का ज्ञान है, बल्कि वे संचार, समय प्रबंधन, और टीम के साथ काम करने की कला में भी निपुण हैं।

कार्य अनुभव

रुचिता ने विभिन्न संगठनों में काम किया है, जहाँ उन्होंने अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए स्वास्थ्य, योग, और स्वच्छता के क्षेत्रों में योगदान दिया है। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में दिव्य फार्मेसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एचआर और प्रशासन में कार्य किया। इसके अलावा, वे ‘बीइंग भागीरथ’ में स्वास्थ्य एवं कल्याण समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं, जहाँ वे गंगा की स्वच्छता, हर्बल उपचार, और स्व-सहायता समूहों के प्रोत्साहन में योगदान देती हैं।

प्राकृतिक चिकित्सा और योग विज्ञान में विशेष कार्य

चिता ने प्राकृतिक चिकित्सा और योग विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उनके द्वारा दिए गए परामर्श में जीवनशैली सुधार, आहार परिवर्तन, और योगिक क्रियाएँ शामिल हैं। उन्होंने “प्राणायाम और योगासन का मधुमेह पर प्रभाव” विषय पर कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, जो इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

स्वच्छता अभियान

स्वच्छता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें गंगा स्वच्छता अभियान का सक्रिय सदस्य बनाती है। रुचिता का मानना है कि स्वच्छता न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समग्र पर्यावरण को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जहाँ उन्होंने समुदाय को स्वच्छता के महत्व और उसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में बताया।

पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण संरक्षण के लिए रुचिता ने कई पहल की हैं। उन्होंने स्थानीय हर्बल पौधों की जानकारी प्रदान करने और उनका उपयोग बढ़ाने के लिए कार्यशालाएँ आयोजित की हैं। उनका मानना है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है।

समग्रता की दिशा में कदम

रुचिता का उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा, योग विज्ञान, और स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। वे मानती हैं कि जब लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं, तब वे न केवल अपने लिए, बल्कि अपने समाज और पर्यावरण के लिए भी बेहतर निर्णय लेते हैं। रुचिता त्रिपाठी उपाध्याय एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से प्राकृतिक चिकित्सा, योग विज्ञान, स्वच्छता, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके प्रयास केवल स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण को भी एक नया दिशा देते हैं। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि हम सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए, समग्र कल्याण की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

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