*हिमालय की आराध्या नंदा देवी की वार्षिक लोकजात कार्यक्रम घोषित 9 सितंबर से शुरू, 22 सितम्बर को नंदा सप्तमी को नरेला, बालपाटा ,वेदनी बुग्याल में होगी संपन्न*
*हिमालय की आराध्या नंदा देवी की वार्षिक लोकजात कार्यक्रम घोषित
9 सितंबर से शुरू, 22 सितम्बर को नंदा सप्तमी को नरेला, बालपाटा ,वेदनी बुग्याल में होगी संपन्न*
गोपेश्वर।
हिमालय की आराध्या नंदा देवी की वार्षिक लोकजात का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। श्री नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर कमेटी (परगना नन्दाक बधाण) द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार इस बार राजराजेश्वरी नंदा देवी की लोकजात यात्रा 9 सितम्बर से 29 सितम्बर तक आयोजित होगी। 9 सितंबर को राज राजेश्वरी की डोली कुरूड धाम मंदिर से हिमालय को प्रस्थान करेगी। 7 सितम्बर से 9 सितम्बर तक कुरूड धाम में तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया जायेगा।
हर साल सीमांत जनपद चमोली में भादो के महीने मां नंदा की वार्षिक लोकजात का आयोजन होता है। वार्षिक लोकजात कई मायनों में 12 बरसों में आयोजित होने वाली नंदा देवी राजजात से भी ज्यादा विस्तारित है। जनपद चमोली के 7 विकासखंडों और अलकनंदा, मन्दाकिनी, पिंडर घाटी के 800 से अधिक गांवो में नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा के दौरान लोकोत्सव का उल्लास रहता है, चारों ओर माँ नंदा के जयकारे गुंजयमान होते है। इस दौरान गांवों में भारी चहल पहल रहती है, वहीं ध्याणियां भी मां नंदा से मिलने अपने अपने मायके पहुंच जाती है। नंदा की वार्षिक लोकजात जिसमें बंड भूमियाल की छंतोली की लोकजात नरेला बुग्याल, नंदा दशोली डोली की लोकजात कुरूड से चलकर बालपाटा, राजराजेश्वरी की डोली कुरूड से चलकर बेदनी बुग्याल में तर्पण पूजा के बाद सम्पन्न होती है।
2023 का नंदा की वार्षिक लोकजात कार्यक्रम इस तरह होगा
गोपेश्वर
उत्तराखंड की संस्कृति , धरोहर , विरासत के जानकार संजय चौहान ने बताया
7 से 9 सितम्बर कुरूड धाम में तीन दिवसीय मेला का आयोजन
9 सितम्बर को कुरुड़ से चरबंग.
10- सितम्बर को चरबंग से मथकोट.
11- मथकोट से उस्तोली
12- उस्तोली से भेंटी
13- भेंटी से बूंगा
14- बूंगा से डुंग्री
15- डुग्रीं से सूना
16- सूना से चेपडो़
17- चेपडो से बेराधार
18 – बेराधार से फल्दियागांव
19- फल्दिया गॉव से मुन्दोली
20 – मुन्दोली से वाण
21- वाण से गेरोली पातल
22- गेरोली से वेदनी बुग्याल
जहाँ तर्पण और माँ नंदा की पूजा के बाद वेदनी मेला संपन्न होगा। बेदनी के बाद नंदा की डोली रात्री विश्राम को बांक गाँव पहुंचेगी।
23 – बांक से ल्वाणी.
24 -ल्वाणी से उंलग्रा.
25- उंलग्रा से पूर्णा
26- पूर्णा से जौला
27- जौला से विजेपूर
28- विजेपूर- थाला
29- थाला से सिद्ध पीठ देवराडा मे बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की डोली अगले 6 महिने के लिये स्थापित होगी। फिर उतरायन मे देवी अपने मायके नंदा धाम कुरूड़ हेतु प्रस्थान करेगी।..
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