*बीर गंगा का जलस्तर बढने से दो दिनों से गूफा में फसे रहे नेपाल मूल के 6 मजदूर, ईराणी गांव के ग्रामीणों ने चलाया रैस्क्यू अभियान*

*बीर गंगा का जलस्तर बढने से दो दिनों से गूफा में फसे रहे नेपाल मूल के 6 मजदूर, ईराणी गांव के ग्रामीणों ने चलाया रैस्क्यू अभियान*

*बीर गंगा का जलस्तर बढने से दो दिनों से गूफा में फसे रहे नेपाल मूल के 6 मजदूर, ईराणी गांव के ग्रामीणों ने चलाया रैस्क्यू अभियान*

गोपेश्वर ।
चमोली जनपद के दूरस्थ क्षेत्र ईराणी गांव के जंगलों व बुग्याल सप्तकुंड बुग्याल, सेमखरक तोक में रविवार व सोमवार को बादल फटने से बीर गंगा का जलस्तर उफान पर रहा। इससे कई नए गदेर उत्पन हो गए हैं। जिससे गांव को जोडने वाले 3 पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ईराणी गांव के प्रधान मोहन नेगी ने कहा बीते रविवार को गांव के जंगलों में अतिवृष्टि व बादल फटने से ईराणा, पाणा, भोना, भनाली, झीझी गांव के 400 परिवारों का संपर्क जिला मुख्याल से टूट गया है।

कहा कि अतृविष्टि से निजमूला घाटी के आधा दर्जन गांव को जोड़ने वाली 3 तीन पुलिया गुप्ताणी गदेरा, लेडाल गदेरा, भनाली गदेरा, ग्वादिक गदेरा, भिलतना में पुलिया बह गई है। जिससे जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिला प्रधान संघ अध्यक्ष मोहन नेगी, पगना गांव के शिक्षक लखपत, देव सिंह ने कहा कि बीर गंगा पर बन रहे पुल के निर्माण कार्य में जुटे नेपाल मूल के 6 मजदूर बीर गंगा गदेरा में जलस्तर बढ़ने पर फस गए। कहा कि बीर गंगा के जलस्तर बढने से गदेरा दोनों तरफ से रोद्र रूप में बह रहा था। जिससे वह वही फस गए। लेकिन मोबाईल में नेटवक न होने से किसी को काल भी नही कर सके। जिससे लोगों को देख कर चिख पुकार की मदद की गुहार लगाते रहे। ग्राम प्रधान मोहन नेगी ने कहा कि मंगलवार को अमृत माटी कलश को गांव से गोपेश्वर ले कर आ रहे थे तो उन्हे वहा कुछ लोग जो रविवार की रात से फसे हुए थे उन्हे देखा जिसके बाद कुछ ओर ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जिसके बाद मजदूरों को सुरक्षित स्थान भेलतना भेजा गया। जिसकी सूचना संबंधित ठेके दार को दी गई है। वहीं तहसीलदार को भी संबंधित सूचना दी गई है।

*निजमूला घाटी के इन गावों में भी हुई है अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त*

बीते रविवार रात्रि को हुई भारी बारिश से निजमुला घाटी के गाडी गांव में पैदल पुलिया, पेयजल लाइन छतिग्रस्त हो गई हैं।। घट गधरे के उफान से गांव से धार, ग्वाड़, नेवा व आगरा तोक को जोड़ने वाली पुलिया व अगुड़ा गधरे पर सेजी गांव को जोड़ने वाले पैदल आरसीसी पुलिया छतिग्रस्त हो गये हैं। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है। बच्चों को 2 किमी अतिरिक्त दूरी तय कर विद्यालय जाना पड़ रहा है। अतिवृष्टि व भूस्खलन से गाड़ी गांव व नेवा तोक की पेयजल लाइन मुख्य स्रोत से छतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों को डेढ़ किमी दूर से पानी ढोना पड़ रहा है।

बारिश से जगह जगह ग्रामीणों के पैदल मार्ग व कृषि भूमि भी बर्वाद हो गई है। ग्वाड़ तोक में भी भूस्खलन से भारी मलवे ने मकानों व खेतो को भारी नुकसान पहुचाया है। ग्रामीणों ग्राम प्रधान विजयलक्ष्मी देवी, सरपंच तारेंद्र सिंह गड़िया, नन्दन सिंह, करण सिंह, रणजीत सिंह, राकेश,प्रकाश व सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र गडिया ने जिला प्रशासन से गांव का निरीक्षण कर छतिग्रस्त पुलिया, मार्ग, पेयजल लाइनो को ठीक करने व कृषि छति का आकलन किये जाने की मांग की है।

*क्षेत्र में चार दिनों से विधुत आपूर्ति ठप*

बिरही के पास 66 केवी विधुत लाइन के छतिग्रस्त होने से निजमुला घाटी में बीते 4 दिनों से विधुत आपूर्ति ठप पड़ी है। जिससे घाटी के एक दर्जन से अधिक गांवो के ग्रामीणों को अंधेरे में जीवन यापन करना पड़ रहा है। लाइट न होने से मोबाइल टॉवर व मोबाइल बन्द होने से घाटी के लोगों का संपर्क अन्य हिस्सों से कट गया है। ग्रामीणों ने सम्बंधित विभाग से जल्द छतिग्रस्त लाइन को ठीक किये जाने की मांग की है।

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