केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित हुई डॉ. हर्षवंती बिष्ट
गोपेश्वर (चमोली)। प्रसिद्ध पर्वतारोही एवं अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित डॉ. हर्षवंती बिष्ट को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार नवाजा गया। सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र द्वारा पीजी कॉलेज के बीएड तथा इतिहास विभाग के सहयोग से श्यामा देवी पर्यावरण व्याख्यान और केदार सिंह रावत सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध पर्वतारोही और पर्यावरणविद डॉ. हर्षवंती बिष्ट को गंगोत्री और गोमुख क्षेत्र में भोज वनों को बचाने की अभूतपूर्व भूमिका के लिए वर्ष 2025 के केदारसिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरणीय चिंताओं को साझा करते हुए छात्र-छात्राओं को स्थानीय स्तर पर अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करने का आह्वान किया। कहा कि पर्वतारोहण का मेरा उद्देश्य हिमालय के साथ ही जल और जंगलों को जानना तथा शोध करना था। उन्होंने कहा कि धरती नें हमें वह सब कुछ दिया है जो हमारे लिये जरूरी है। आज अनियोजित एवं अनियंत्रित पर्यटन से हिमालय अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए जूझ रहा है। उन्होंनें संस्कृति के मूल वाक्य “वसुधैव कुटुंबकं“ के संदेश को पुनःआत्मसात करने पर जोर दिया। कहा कि अनियोजित विकास की अनुमति नहीं दी जा सकती। “जियो और जीने दो“ की भावना से प्रकृति के समस्त जीवधारियों के जीवन का भी सम्मान करना होगा। इस दौरान उनके द्वारा पीपीटी के माध्यम से स्लाइड शो द्वारा क्लाइमेट चेंज से गंगोत्री क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों और भोजवासा में उनके द्वारा हिमालयी वनस्पतियों तथा भोजपत्र के संरक्षण के कार्यो पर प्रस्तुतिकरण किया गया। प्राचार्य डॉ एमसी नैनवाल ने डा. हर्षवंती बिष्ट को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि वह शिक्षकों के लिए भी प्रेरणास्रोत है। सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने उनके न्यास द्वारा चलाई जा रही सामाजिक और पर्यावरणीय गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। इंदिरा गाँधी वृक्ष मित्र पुरस्कार से सम्मानित बछेर की पूर्व सरपंच कलावती देवी नें चिपको की मातृ संस्था दशोली ग्राम स्वराज्य मण्डल के साथ पर्यावरण संवर्धन के कार्यो को लेकर अपने अनुभवों को साझा किया।
बताते चलें कि सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र द्वारा प्रतिवर्ष केदार घाटी में चिपको के नायक रहे स्व केदारसिंह रावत की स्मृति में यह पुरस्कार प्रदान करता है। पुरस्कार के तहत अंग वस्त्र, प्रशस्तिपत्र और प्रतीक चिह्न के साथ नगद राशि का चेक भी प्रदान किया जाता है।
इस अवसर पर इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शिव चंद सिंह रावत, विनय सेमवाल, सुशील सेमवाल, चंद्रकला बिष्ट, मुन्नी भट्ट, रूपिन,मंगला कोठियाल, वेदप्रकाश भट्ट, डॉ दर्शन नेगी सहित विद्यालय के समस्त शिक्षक तथा छात्र- छात्राएं मौजूद रहे।
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