सीमा एवं आंतरिक सुरक्षा में एसएसबी और उत्तराखण्ड पुलिस का समन्वय; सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व का प्रतीक- डीजीपी दीपम सेठ

सीमा एवं आंतरिक सुरक्षा में एसएसबी और उत्तराखण्ड पुलिस का समन्वय; सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व का प्रतीक- डीजीपी दीपम सेठ

  • एसएसबी प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ डीजीपी, उत्तराखण्ड की संवाद गोष्ठी
  • युवा अधिकारियों को प्रोफेशनलिज़्म और समर्पण के साथ देश सेवा हेतु किया प्रेरित

देहरादून : पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड दीपम सेठ की अध्यक्षता में आज  25 सितम्बर, 2025 को पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में एसएसबी अकादमी भोपाल (मध्य प्रदेश) में प्रशिक्षणाधीन और वर्तमान में शैक्षिक भ्रमण पर उत्तराखण्ड आये एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के 13th AC (LDCE) के 12 प्रशिक्षु सहायक कमांडेंटों के साथ एक संवाद गोष्ठी (Interaction Meeting) आयोजित की गई।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने प्रशिक्षु अधिकारियों को उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति, पुलिस संगठन की संरचना तथा राज्य में पुलिसिंग की विशिष्ट चुनौतियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 283 किमी लंबी भारत–नेपाल सीमा की सुरक्षा, सीमा पार अपराधों की रोकथाम तथा आपदा प्रबंधन में एसएसबी और उत्तराखण्ड पुलिस के बीच समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्तमान में राज्य पुलिस के 13 थानें, 14 चौकियाँ एवं 19 पुलिस इकाइयाँ नेपाल सीमा पर सक्रिय हैं, जबकि एसएसबी की 4 बटालियन एवं 71 बॉर्डर आउटपोस्ट (BOPs) सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। साथ ही प्रदेश में एसएसबी का रानीखेत में सीमान्त मुख्यालय व अल्मोड़ा में सेक्टर मुख्यालय भी स्थापित है। पुलिस महानिदेशक महोदय ने प्रशिक्षुओं के साथ हाल ही में नेपाल में हुए घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में भारत–नेपाल सीमा की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस और एसएसबी के सीमा सुरक्षा प्रबंधन पर भी चर्चा की।

राज्य पुलिस और एसएसबी द्वारा सीमा क्षेत्रों में संयुक्त गश्त, खुफिया जानकारी का आदान–प्रदान, अवैध गतिविधियों की रोकथाम, तथा मानव और मादक पदार्थ तस्करी पर नियंत्रण के लिए समन्वित कार्यवाही की जाती है। यह समन्वय न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय जनता में विश्वास और शांति बनाए रखने में भी सहायक साबित होता है।

पुलिस महानिदेशक ने प्रशिक्षु अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे भविष्य की नियुक्तियों में प्रशिक्षण के अनुभवों को व्यवहारिक रूप में लागू कर सीमा प्रबंधन और आंतरिक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाएँगे। उन्होंने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एसएसबी और उत्तराखण्ड पुलिस का समन्वय देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। पुलिस महानिदेशक ने सुवर्णा सजवाण, सेनानायक, एसएसबी अकादमी भोपाल को एक प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया। संवाद गोष्ठी को संचालन पुलिस अधीक्षक क्राइम विशाखा अशोक भदाणे द्वारा किया गया।

इस अवसर पर वी. मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड, नारायण सिंह नपलच्याल, पुलिस महानिरीक्षक/ निदेशक यातायात, अनंत शंकर ताकवाले, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, सुनील कुमार मीणा, पुलिस महानिरीक्षक, एससीआरबी, योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक, सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

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