चमोली हादसे की मजिस्ट्रीयल बजाय न्यायिक जांच होःसीपीएम
गोपेश्वर (चमोली)। भारत की कम्युनिस्ट पाटी माक्र्सवादी ने चमोली हादसे की जांच मजिस्ट्रीयल जांच बजाय न्यायिक जांच की मांग की है ताकि सारी सच्चाई सामने आ सके। साथ ही उन्होंने घटना में मृतक परिवारों को 20 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाने की मांग की है।
सीपीएम के जिला मंत्री भूपाल सिंह रावत ने कहा कि चमोली हादसा एक दुर्भाग्य पूर्ण घटना है। इस घटना ने चमोली जिले को झकजोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि चमोली कस्बे में स्थापित नमामि गंगे परियोजना के प्लांट में पहले भी दो बार ऐसी घटना घटित हुई लेकिन इसका संज्ञान नहीं लिया गया जिससे इतना बड़ा हादसा सामने आया है। यदि पहले ही घटनाओं का संज्ञान लिया जाता तो इतनी जिंदगियां बच जाती है। उन्होंने कहा कि हरमनी के गणेश की प्लांट में घटना के दिन पहले मौत हो गई थी और प्लांट में बिजली नहीं थी तो प्लांट के प्रबंधकों की ओर से इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया गया और दूसरे दिन जब मृतक गणेश के पिता और उसका भाई वहां पहुंचा तो उसके बाद गांव के अन्य लोगों के साथ स्थानीय लोग भी वहां एकत्र हो गये। और अचानक एक बार फिर से वहां विद्युत सप्लाई शुरू होने से इतना बड़ा हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि घटना के मृतकों के लिए सरकार की ओर से जो मुआवजा दिए जाने की घोषणा की गई है वह नाकाफी हैं उनकी पार्टी मांग करती है कि इस घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के बजाय न्यायिक जांच हो। प्रत्येक मृतक के परिजनों को 20 लाख रूपया और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी तथा प्रत्येक घायल को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इस मौके पर भूपाल सिंह रावत, ज्ञानेंद्र खंतवाल, मदन मिश्रा, गीता बिष्ट आदि मौजूद थे।


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