एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने 55 घंटे में सुलझाया ब्लाइंड केस, चोरी हुआ तीन माह का शिशु सकुशल बरामद, बच्चा चोर गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार
कलियर : एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने गुम हुई बच्ची के घटनाक्रम से पर्दा उठाए हुए उक्त बच्ची को सकुशल बरामद कराया ओर इस मामले में बच्चा चोर गिरोह के आधा दर्जन सदस्यों को दबोचने में सफलता हासिल की। साथ ही घटनाक्रम का खुलासा करने वाली टीम को शाबाशी दी।
सिविल लाइन कोतवाली में बच्ची चोरी की घटना का खुलासा करते हुए कप्तान डोभाल ने बताया कि 11 अक्टूबर को अमरोहा (ज्योतिबाफुले नगर) निवासी जहीर अंसारी ने थाना कलियर आकर पुलिस से मदद की गुहार लगाते हुए बताया कि वह अपनी पत्नी और तीन माह के बेटे के साथ जियारत के लिए कलियर आया था। 10/11 अक्टूबर की रात बिताने के लिए पति-पत्नी और बच्चा एक दुकान के पास रुक गए। देर रात दो महिलायें उनके पास आई और कुछ लोगों द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत करते हुए वहां रुक गई। इस दौरान दोनों अंजान महिलाओं ने दंपत्ति से जान पहचान बढ़ाई और घुलना-मिलना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद अंजान महिलाओं में से एक शिकायतकर्ता को चाय पिलाने के बहाने अपने साथ ले गई। इस दौरान दूसरी महिला सो रही उसकी पत्नी की गोद से बच्चा चुराकर रफुचक्कर हो गई।
थानाध्यक्ष कलियर द्वारा पूरे प्रकरण की जानकारी दिए जाने पर एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने के आदेश देते हुए कलियर व आसपास के थानों की संयुक्त टीमें गठित कर बच्चे की जल्द तलाश के निर्देश जारी किए गए तथा टेक्निकल सपोर्ट के लिए सीआईयू रुड़की प्रभारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जुटाए गए मैनुअल एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर पुलिस टीम मेरठ पंहुची, तो उनके हाथ इस पूरी वारदात की एक अहम कड़ी लगी, जिसका नाम आस मोहम्मद लंगड़ा था। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पहले आस मौहम्मद की पत्नी शहनाज (अज्ञात महिलाओं में से एक) और फिर सलमा (दूसरी अज्ञात महिला) तक पहुंची और उनसे पूरे घटनाक्रम की विस्तृत पूछताछ की। पूछताछ में बच्चा चोरी के बाद उसके बेचने की पूरी चेन की परत खुली और पुलिस टीम ने अन्य संदिग्ध महिला अंचन, नेहा शर्मा और बच्चे के अन्तिम खरीददार विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची को दबोचा। पुलिस की पकड़ में आए विशाल गुप्ता की शादी को 10 साल होने के बाद भी कोई संतान नही थी, जिस कारण वह अपना और अपनी पत्नी का प्रेम अस्पताल मेरठ में इलाज करा रहा था। जहां नेहा शर्मा बतौर पैसेन्ट कोर्डिनेटर काम कर रही थी। इलाज के दौरान विशाल गुप्ता ने नेहा शर्मा को बताया कि अगर कोई गरीब अपने बच्चों की परवरिश नहीं कर पा रहे है, तो वह बच्चे का लालन-पालन करने को तैयार हैं। ये बात जानकर नेहा शर्मा एवं अन्य ने कलियर जैसे भीड़भाड वाले इलाके से बच्चा चोरी का प्लान बनाया। योजना के मुताबिक बच्चा चोरी करने में सफल होने पर शहनाज व सलमा (अज्ञात महिलाओं) को आस मोहम्मद लंगड़ा बुक की गई स्विफ्ट डिजायर के जरिए बच्चे सहित कलियर से लेकर फरार हो गया था। इन्होंने बच्चा तीन लाख में अंचन को और अंचन द्वारा तीन लाख नब्बे हजार में नेहा शर्मा को बच्चा बेचा। अन्त में नेहा शर्मा ने भी 01 लाख रुपये का प्रॉफिट कमाते हुए बच्चे को कुल चार लाख नब्बे हजार रुपये में विशाल गुप्ता को बेच दिया गया।
पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर उपरोक्त नाबालिक शिशु को विशाल गुप्ता के घर से सकुशल बरामद करते हुए तथा सभी आरोपियों को जुर्म से अवगत करते हुए हिरासत पुलिस लिया गया। मामला 3 माह के नादान शिशु का अतिसंवेदनशील होने के कारण स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही थी। इसी क्रम में उच्च अधिकारी गणों के निर्देशन में उक्त बच्चे को महज 55 घंटे के अंदर मुखबिर तंत्र का सहारा लेकर इस ब्लाइंड कैश की गुत्थी सुलझा कर नादान शिशु को माता-पिता को सोंपा गया। पुलिस टीम ने आस मोहम्मद लंगड़ा पुत्र शुकरूद्दीन नि0 कंचवाला पुल अहमद नगर गली न0 22 मेरठ, शहनाज पत्नी आस मोहम्मद लंगड़ा नि0 कंचवाला पुल अहमद नगर गली न0 22 मेरठ, सलमा पत्नी राजा नि0 श्याम नगर गली न0 18 मेरठ, श्रीमती अंचन पत्नी महेंद्र तिवारी निवासी सीएमओ कम्पाउण्ड मेरठ, नेहा शर्मा पत्नी अमित शर्मा नि0 आई-265 शास्त्री नगर मेरठ, विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची पुत्र बालेश्वर गुप्ता नि0 बी -541 सैनिक विहार ककंर खेडा मेरठ शामिल रहे।
टीम में थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार, एसएसआई बबलू चौहान, एसआई पुष्कर सिंह चौहान, हेड कांस्टेबल जमशेद एलीज रविन्द्र बालियान, नूर हसन, सिपाही जितेंद्र, प्रकाश मनराल, भादुराम, म. कां. सोफिया अंसारी, सरिता राणा, होमगार्ड अंकित कुमार के साथ ही सीआईयू टीम में निरीक्षक प्रदीप बिष्ट, हेड कांस्टेबल अश्वनी यादव, चमन लाल, कॉ. महिपाल, अजय काला शामिल रहे।
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