राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सक संघ का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, अध्यक्ष बने डॉ. नीरज कोहली
देहरादून : उत्तराखंड के आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रहा! राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सक संघ (उत्तराखंड) के बहुप्रतीक्षित चुनाव शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुए। इस चुनाव के माध्यम से संघ को एक नई और गतिशील कार्यकारिणी मिली है, जो प्रदेश में आयुर्वेद के उत्थान और चिकित्सकों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करेगी। मतदान प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, परिणामों की घोषणा की गई, जिसमें डॉ. नीरज कोहली को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। उनके नेतृत्व में संघ को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के पदाधिकारी –
- अध्यक्ष : डॉ. नीरज कोहली
- वरिष्ठ उपाध्यक्ष : डॉ. राम किशोर भट्ट
- महासचिव : डॉ. हरदेव सिंह रावत
- उपाध्यक्ष (महिला) : डॉ. नीतू कार्की
- उपाध्यक्ष (पुरुष) : डॉ. सुधांशु कपिल
- सचिव : डॉ. दीपक गंगवार
- मंडलीय सचिव (कुमाऊं) : डॉ. संदीप कुमार चौधरी
- मंडलीय सचिव (गढ़वाल) : डॉ. दुष्यंत पाल
- साहित्य एवं विज्ञान गोष्ठी सचिव : डॉ. त्रिभुवन बेंजवाल
- कोषाध्यक्ष : डॉ. गजेंद्र सिंह बसेड़ा
- आय व्यय निरीक्षक : डॉ. वीरेंद्र सिंह चंद
- प्रचार सचिव : डॉ. विवेक सतलेवाल
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया गौरव :
इस महत्वपूर्ण चुनावी प्रक्रिया की गरिमा को बढ़ाने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मुख्य निरीक्षक के रूप में डिप्टी सेक्रेटरी महावीर सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके साथ ही, देहरादून से जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, संयोजक एवं संयुक्त निदेशक डॉ. आरपी सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ. गिरीश जंगपांगी, संयुक्त निदेशक होम्योपैथी डॉ. सरबजीत सिंह और हरीश आर्य जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों ने भी इस अवसर पर अपनी सहभागिता निभाई।
व्यापक भागीदारी : पूरे प्रदेश से आए चिकित्सक :
कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे उत्तराखंड के समस्त जिलों से सभी जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी और 516 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी गण इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। यह आयुर्वेद के प्रति चिकित्सकों के समर्पण और एकजुटता का परिचायक है, जो प्रदेश में इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को और मजबूत करेगा।
शांतिपूर्ण और सफल मतदान संपन्न होने पर सभी ने संतोष व्यक्त किया। नवनिर्वाचित कार्यकारिणी से आशा है कि वह उत्तराखंड में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और चिकित्सकों के हितों की रक्षा के लिए अथक प्रयास करेगी।
Post Comment