चमोली हादसे के पीड़ित परिवारों को एलडीआरएफ की टीम ने पहुंचाया एक माह का राशन
गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में युवाओं की ओर से बनायी गई लोकल डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एलडीआरएफ) ने रविवार को चमोली हादसे के पीड़ित परिवारों को एक माह का राशन लेकर उनके गांव हरमनी तथा रांगतोली पहुंचे।
गौरतलब है कि चमोली कस्बे के नमामि गंगे परियोजना के प्लांट में करंट लगने की घटना में सबसे ज्यादा हरमनी और रांगतोली के परिवारों के लोग हताहत हुए थे। जिनमें से एक ही परिवार के तीन लोग हताहत हुए थे। इन परिवारों के सामने भोजन का संकट पैदा न हो इसके लिए शनिवार को एलडीआरएफ की टीम की ओर से गोपेश्वर नगर में सभी लोगों के सहयोग से राशन एकत्र किया गया। उनके किट बना कर रविवार को अपने कंधे पर लाद कर पांच परिवारों को एक माह का राशन दिया। उसके बाद इस घटना में हताहत 12 लोगों के परिजनों से मिले और उनसे उनकी आवश्यकता के सामग्री के बारे में जानकारी लेते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार, प्रशासन के साथ ही स्थानीय युवा उनके साथ हैं और उनकी हर संभव मदद की जायेगी। टीम एलडीआरएफ में अंकोला पुरोहित, पूरण कोरंगा, आयुष सती, राजेंद्र सिंह रावत, अर्जुन नेगी, आयुष हटवाल, विपिन कंडारी, शुभम पंवार, अभिषेक बिष्ट, मनवर नेगी, वैभव मिश्रा, विवेक रावत, सुरेंद्र रावत, सुशील तिवारी, अमित नेगी आदि मौजूद थे।

घटना के बाद कई परिवारों के सामने आ गया था रोजी रोटी का संकट
चमोली हादसे में हरमनी और रांगतोली के कई ऐसे परिवार थे जिनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया। इस घटना में घर का मुखिया जिसके सहारे परिवार चलता था उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में अब परिवार की स्थिति डगमगाने लगी थी। जिसके बारे में जानकारी मिलते ही एलडीआरएफ की टीम ने सक्रियता दिखाते हुए परिवार को संकट से उभारने के लिए उनके गांव पहुंच कर उन्हें एक माह का राशन उपलब्ध करवाया और आगे भी मदद का भरोसा दिलाया है।
हर आपदा में सबसे आगे सहायता के लिए हर समय आगे दिखते हैं एलडीआरएफ के सदस्य
चमोली जिले की हर आपदा के समय एलडीआरएफ के सदस्य लोगों की मदद करने के लिए पहुंच जाते है। आपदा के बाद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर बार एलडीआरएफ की ओर से पीड़ित परिवार को सहायता देने के लिए लोकल स्तर पर लोगों की सहायता से पीड़ित परिवारों की मदद करने के लिए पहुंच जाते है। यहां तक की जिले हो या जिले के बाहर यदि किसी को कभी रक्त की जरूरत भी पड़ती है तो इनके सदस्य हर दम तैयार रहते है। और यदि जिले से बाहर भी यदि किसी को ऐसी जरूरत पड़ती है तो संकर्प साध कर वहां किसी न किसी तरह से रक्तदान करवाने का प्रयास करते है। जिले में इन युवाओं के इस प्रयास की हर कोई सराहना करता है।


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